भारत में Online और Cyber Crime के मामले हर साल बड़ते जा रहे हैं, Internet के जरिए Online Banking UPI Pyment Shoping आज जरूरत बन गया हैं, एसे में Online अपराध को रोकने का कोई ठोस उपाय नहीं हैं | सावधानी हि एक मात्र उपाय हैं, Internet पर हमारी निर्भरता काफी बढ चुकी हैं | और यह धीरे धीरे बढती जा रही हैं | इस लिए यह स्म्घ्ना भी जरुरु हैं, कि जहाँ Internet के काफी Benifits (फायदे) हैं, वहीं इससे होने वाले नुकसानों की List भी छोटी नहीं हैं, इस लिए जरुरी SmartPhone ,Laptop ,Email और Social Media Accounts के साथ अपनी Private जानकारी अपनी Net Banking को सुरक्षित रखना जरुरी हैं, तो चलिए अब जानते हैं Internet का सुरक्षित उपयोग कैसे करे |
सायबर हैकिंग [Cyber Hacking Attack] से कैसे बचें ? |
इन बातों का रखे , ध्यान
कैसे होती हैं , Online ठगी
Fishing Email :-
लाटरी वाले Scam :-
सायबर हैकिंग से कैसे बचें ?
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Internet सुरक्षा की ओर सबसे पहला कदम हैं, कि आप अपने Password को बहुत समान्य जैसे खुद का नाम जन्म की तारिक अपने से जुड़े चिजों आदि पर ना रखे हैं | एसा इस लिए जरुरी हैं | क्यों की एसे Password वाले Account को बड़े हि आसानी से Creack किया जा सकता हैं | UPI या Online Shoping और किसी भी Online Pyment वाली Website पर Click करने से पहलें यह अनिवार्य रूप से Check जरुर कर ले कि वह WebSite "https" से शुरू हो रही हैं, या नहीं | इससे भी Online धोखा धड़ी से बचा जा सकता हैं | अपने Social Media Net Banking Credit Card Statement और ईमेल ID पर नियमित रूप से निगरानी रखें |
Fishing क्या हैं ?
जिस प्रकार मछली पकडने के लिये कॉटे में चारा लगाकर डाला जाता है और चारा खाने के लालच या धोखे में आकर मछली कॉटें में फंस जाती है। उसी प्रकार फ़िशिंग भी हैकर्स द्वारा इन्टरनेट पर नकली वेबसाइट या ईमेल के माध्यम से इन्टरनेट यूजर्स के साथ की गयी धोखेबाजी को Fishing कहते हैं।
यह किसी बड़ी Company या Bank के नाम से भेजा गया एक Froud Email होता हैं | Email में एक मेलवेयर या स्पाइवेयर होता हैं, जो आपके Data, Password, और सुरक्षा Pin जैसी जानकारी चुरा लेता हैं,
मेलवेयर क्या है ?
यह एक सॉफ्टवेयर है जो किसी सिस्टम की जानकारी या आंकड़े की चोरी के लिए बनाया जाता है. यह प्रोग्राम संवेदनशील आंकड़े चुराने, उसे डिलीट कर देने, सिस्टम के काम करने का तरीका बदल देने और सिस्टम पर काम करने वाले व्यक्ति पर नजर रखने जैसे एक्टिविटी करता है.
कितने तरह के मेल वेयर
वायरस: यह किसी सॉफ्टवेयर को प्रभावित करने से लेकर सिस्टम के कामकाज पर असर डालने में सक्षम है. यह खुद को डेटा फाइल/प्रोग्राम या बूट सेक्टर की तरह बदलने में सक्षम होता है. यह कंप्यूटर के हार्ड डिस्क में जाकर फाइल/सिस्टम तक आपकी पहुंच को मुश्किल बनाता है.
ट्रोजन: यह आपके सिक्योरिटी सिस्टम से परे जाकर बैक डोर बनाता है जिससे हैकर आपके सिस्टम पर नजर रख सकता है. यह खुद को किसी सॉफ्टवेयर की तरह दिखाता है और किसी टेम्पर्ड सॉफ्टवेयर में मिल जाता है.
स्पाई वेयर: यह आपकी जासूसी करने के लिए बनाया गया है. यह खुद को बैक ग्राउंड में छिपा कर आपकी ऑनलाइन एक्टिविटी को चेक करता है. यह आपकी आईडी, पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड नंबर और नेट चलाने की आदत को पढ़ता है. यह कीबोर्ड, वीडियो और माइक्रोफोन आदि की चीजें रिकॉर्ड कर सकता है.
की लॉगर: यह स्पाई का ही एक विकल्प है जो आपके कीवर्ड को रिकॉर्ड कर लेता है. ये लॉग्स अटैकर को भेज दिए जाते हैं. उसकी मदद से हैकर आपका पासवर्ड, चैट, क्रेडिट कार्ड नंबर या अन्य जानकारी पा लेता है.
इसमें Job की तलाश कर रहे लोगो Online कमाई के तरीके खोज रहे लोगों या Internet Use को लपरवाही बरतने वाले युवायों तथा Users को इस तरह के Email या पैसे जितने का झांसा दिया जाता हैं | अच्छी कमाई की चक्करों में लो अपनी जानकारी डे कर फंस जाते हैं |
स्मिशिंग क्या है
स्मिशिंग यह भी फिशिंग का ही एक तरीका है जिसमें आप फोन या एसएमएस पर किसी को व्यक्तिगत जानकारी दे देते हैं. यह ऑनलाइन सिक्योरिटी के मामले में नया खतरा बनकर उभर रहा है.
कैसे होती है चोरी
सोशल इंजीनियरिंग का उपयोग कर कोई व्यक्ति आपकी व्यक्तिगत जानकारी आपसे मांगता है और आप उसे दे देते हैं. इसमें आपके भरोसे का इस्तेमाल कर आपसे जानकारी ली जाती है. अटैक करने वाला आपसे ऑनलाइन पासवर्ड से लेकर बैंक एकाउंट डीटेल या OTP/CVV तक कुछ भी मांग सकता है.एक बार आंकड़े मिल जाने के बाद वह कई तरह से आपकी जानकारी का यूज कर सकता है. कई बार यह मैसेज छोटे से लिंक में भी आते हैं जिस पर क्लिक करने पर आपको जरूरी जानकारी वहां देनी होती है.
- Open या Public Wifi से हमेसा दूर रहें |
- SmartPhone Operating System Browserको Updated रखें |
- नियमित रूप से Password बदलें |
- किसी को भी अपनी Account Password Share ना करें |
- एंटी वायरस के नकली पॉप अप पर कभी क्लिक ना करें |
- पायरेटेड एप या सॉफ्टवेयर से हमेशा बचें. इनमें मेल वेयर हो सकता है. |
- अच्छा एंटी वायरस सॉफ्टवेयर इंस्टाल करें |
- कोई नकली सॉफ्टवेयर और Application डाउनलोड ना करें, इनके जरिये मेल वेयर आपके सिस्टम में आ सकता है. |
- अपनी जानकारी संभालकर रखें.
- अगर कंप्यूटर/स्मार्टफोन में इस तरह की जानकारी है तो उसे पासवर्ड या पैटर्न से सुरक्षित करें.
- पासवर्ड लिखकर रखने की आदत ना डालें.
- सिस्टम को शट डाउन करने या बैंकिंग साईट से लॉग आउट करने के बाद ही बाहर आयें.
- फोन को लॉक करें.
- अगर आपका डिवाइस खो जाता है तो उस स्थिति में आप आंकड़ों को घर बैठे मिटा सकें, ऐसी व्यवस्था बनायें
Massage (संदेश) : सायबर हैकिंग [Cyber Hacking Attacks] से कैसे बचें ? ( How-to-avoid-cyber-hacking-attacks ) ? हम उम्मीद करते हैं, की इसके बारे में आपको सही जानकारी अब हो गई होगी | सायबर हैकिंग [Cyber Hacking Attacks] से कैसे बचें ? इस Artical में हम इसी के बारे में सम्पूर्ण जानकारी Hindi भाषा में दी है, जो आपको जरुर पसंद आया होगा | यदि आपको इस Artical सायबर हैकिंग [Cyber Hacking Attacks] से कैसे बचें ? से कुछ सिखने को मिला हो और आपको पसंद आया हो तो आप इसे अपने दोस्तों को जरुर Share करे !..
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